जो
तुझे याद वो आया होगा
पत्र
को उसने जलाया होगा
रोया
होगा वो यकीं है मुझको
चूम के
फिर वो जलाया
ग़ैर
के दिल में जो पाया होगा
चोट
दिल जोर की खाया होगा
राह
भर कोसा होगा वो तुमको
छल
के तब दर्द को गाया होगा
प्रेम
अपराध को समझा होगा
अनवरत
अश्रु भी बरसा होगा
कोसने
लग गया होगा खुद को
तुम्हारे
साथ को तरसा होगा
तुम
हो यूँ ही वो ये सोचा होगा
इसलिए
तुमको न
रोका होगा
अब बड़े घर में जो रहने हो लगी
अपने
गालों को वो नोचा होगा
पवन
तिवारी २६/१२/२०२०
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