हमारे
शब्द में हर ध्वनि तुम्हारे
नाम की दिखे
कि मैंने गीत अपने
सब
तुम्हारे नाम से लिखे
कि
तुमने दे दिया दिल और किसको छल किया मुझसे
मेरे
अब गीत तक कहते कि
नाता जोड़ा क्यों तुमसे
कहा
है मैंने गीतों से
कि अब मेरे
नाम से होंगे
किताबों
में हर्फ़ सुंदर बड़े ही शान से होंगे
हुआ
अच्छा किताबें प्यार की छपने
न पायी थीं
कि
उसके नाम वाली धुन कई अब तक अगायी थीं
कि
मरते-मरते उसने कम क्या हमको ज़िंदा छोड़ा था
कहीं
पर मेरे ख़ातिर प्रभु
ने रखा और जोड़ा था
उसे
तो भाग्य के लेखे
का कोई भान ही
ना था
कोई
फिर गुनगुनाया वैसा पहले
गान
ही ना था
वो सारे गीत
अब केवल उसी
के नाम से
छपते
सभी
गाते उसी को और उसका
नाम
हैं जपते
मेरे
कंठो चूमा गरल क्षण में पी लिया उसने
कि लग के सीने से मेरे दुखों को जी लिया उसने
वो मेरी है, मैं
उसका हूँ, हमारी
जिंदगानी है
तुम्हारी
यादें हैं लेकिन
वो यादें अब बेमानी
हैं
हमारी
ज़िन्दगी में प्यार की फिर से रवानी है
कि
जिसने हाथ थामा उस पे सब कविता कहानी है
तुम्हें
मालूम हो मेरे
गीत कोई और गाता है
मेरा
दिल उसके स्वर में खिलखिला के गुनगुनाता है
तुम्हारी
दुनिया हो आबाद हरदम मुस्कराओ
तुम
कोई
शिकवा नहीं मुझको किसी के गीत गाओ तुम
पवन
तिवारी
२५/१२/२०२०
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