उसको
रोते हुए देखा तो रुलाई आयी
देख
रोते हुए मुझको उसे हँसी आयी
मुझको
खुश देख करके वो बहुत ही रोई थी
पड़ी
नज़रें मेरे ज़ख्मों पे तो फिर कमी आयी
सुन
के बरबादी मेरी जश्न
मनाया उसने
शुक्र
है मौत पर मेरे वो सुन
चली आयी
एक
दिन दूर कहीं जल्दी मुझे जाना था
पैर
ठहरे भूल वश जो तेरी गली आयी
पवन
तिवारी
२५/०१/२०२१
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