कुछ
लोग बहुत खुश हैं बातें बिगाड़ के
रोयेंगे
बहुत इस क़दर मुर्दे उखाड़ के
जनता
सिखाएगी सबक अब होशियार है
तिल
वाले मामले को बनाते
हैं ताड़ के
वो
हरकतें झूठी मगर सच्ची सी कर रहा
रोना
गज़ब का कर रहा है गला फाड़ के
है
राजनीति भी कला समझो संभाल के
आते
हैं घर बनाने
जाते उजाड़ के
सब
पूछते हैं अगुओं को मिलते हैं फुलाये
रहते
सदा ही
संग वे काँटों
के झाड़ के
सच
में है बुरी चीज को मिलता है बहुत प्यार
मयखाने पल
रहे हैं जग में
सबसे लाड़ से
पवन
तिवारी
संवाद
– ७७१८०८०९७८
२३/०२/२०२१
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