किशन कन्हैया की तुम बहना 
जग  कल्याणी  सबका कहना 
भय   संकट  को
 दूर  भगाती  
साथ  सदा  माता  तुम
रहना 
विंध्याचल  में  तुम  महारानी 
चर्चित जग में तुम्हारी कहानी 
कंस को जिसने सबक सिखाया 
तुम्हारी कीरति  जग  ने जानी 
पर्वत विंध्य को  पावन कर दी 
अपने पग जिस दिन तुम धर दी 
निर्जन  जंगल   सा 
ये   स्थल 
आई  तो फिर विन्ध्य  नगर दी 
जो भी   हारे   तुम्हरे   सहारे 
माँ  गंगा    भी   द्वार  तुम्हारे
तुम्हारी महिमा चहुँ दिशि फैली 
दीन   दुखी    हैं    डेरा   डारे 
विंध्याचल  महारानी  मैया 
दुख की  नैया  तुम्हीं खेवैया 
मार्ग  प्रशस्त  करो हे माता 
तुम्हारे  गुण गाते  हैं गवैया
पवन
तिवारी 
संवाद-
७७१८०८०९७८ 
१५/१०/२०२०
 
 
 
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