जलते
हैं कुछ, कुछ जलता है
अच्छे
से दीपक जलता है
दीपावली
यही कहती है
अच्छा
तब जब तम जलता है
जलने
वाले रहेंगे जलते
बढ़ने
वाले रहेंगे बढ़ते
जलने
से प्रकाश होता है
बुद्धिमान
उसमें पग भरते
जलने
को तो जग जलता है
जुगनू
भी टिम-टिम जलता है
सबसे
दुखदायी जलना तो
किसी
निर्दोष का हिय जलता है
दीपावली
बचाए इससे
कैसे
कहूँ और किस किससे
हिय
को यदि कर सको प्रकाशित
तो
कह दूँ कहो जिससे-जिससे
पवन
तिवारी
संवाद
– ७७१८०८०९७८
१४/११/२०२०
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