सुनो
तुम यूँ ही अगर दिल से दिल लगाओगे
बताऊँ
सच तो सुनो धोखे बहुत खाओगे
मूँद
कर आँख जो विश्वास करोगे उन पर
खुलेगा
राज तो पक्का है कि मर जाओगे
अगर
ज़िंदा भी रहे तो भी मरे
से होगे
बहुत
होगा तो फ़क़त पागलों सा गाओगे
ये
कोई गीत ग़ज़ल कविता नहीं है साथी
सुनो
अमल में कर लो अन्यथा पछताओगे
पवन
तिवारी
संवाद
– ७७१८०८०९७८
०६/१२/२०२०
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें