सोचता
हूँ कि दिल पिघल जाये
दुश्मनों
से भी हाथ मिल जाये
कुछ
नहीं देके खिलौने
खुश हूँ
नन्हा
सा चेहरा अगर खिल जाये
तुमको
देखे जो
कोई अंदर से
बिना
मर्जी के भी फिसल जाये
तुम
से मिलकर हुआ दीवाना यूँ
खुश
रहूँगा जो आज दिल जाये
खुद को
रोकूँगा नहीं रोने से
सारा
गम खार में निकल जाये
पवन
तिवारी
संवाद-
७७१८०८०९७८
१९/०२/२०२१
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