कथ्य
बिन क्या कथा
तेरे
बिन सब व्यथा
प्रेम
को शब्द की है जरूरत नहीं
प्रेम
में मौन भाषा की लम्बी प्रथा
मौन
तेरा प्रिये प्रेम अनुवाद है
एक
क्षण देख लेना भी संवाद है
प्रेम
भाषाएँ होती अनंत प्रिये
जग
में सबसे चटख प्रेम का स्वाद है
जो
नहीं जानते होते दुश्मन वही
प्रेम
पाते बदल जाता है मन वही
जिसको
इसकी लगी,फिर लगी रह गयी
मन
रहे दूसरा रहता तन है वही
प्रेम
ईश्वर की सुंदर प्रथम भूमिका
प्रेम
ईश्वर की पावन परम नायिका
ऐसे
में प्रेम का आओ आदर
करें
स्वर
मिलाओ बनो प्रेम की गायिका
पवन
तिवारी
संवाद-
७७१८०८०९७८
२८/११/२०२०
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