जीवन संस्कृति के नरेश हे, जय जय जय उत्तर प्रदेश हे.
धर्म ध्वजा की
कीर्ति शेष हे, जय जय जय उत्तर प्रदेश हे.
पावन सरयू यमुना
गंगा, काशी मथुरा कौशल संगा.
युग का नगर बनारस चंगा, तुलसी सूर कबीर रंगा.
प्रेमचंद प्रासाद
निराला, भारतेंदु महादेवी
आला.
कथक कहरवा कजली
वाला, लोक जहाँ जीवन की माला.
नैमिष सारनाथ संगम हैं, चित्रकूट विन्ध्याचल हम हैं.
शेखर मंगल पांडे हम हैं, लक्ष्मीबाई बिस्मिल हम हैं.
भोजपुरी अवधी बुन्देली, कन्नौजी हिंदी की सहेली.
सब प्रदेश भर खेलें होली, नटखट उसमें बड़ी बघेली.
हम बढ़ते भारत के हैं कल, पंथ पथिक बहु किन्तु एक हल.
सत्य सनातन का यह स्थल, बढ़ता भारत का
इससे बल.
हम विभूतियों के प्रदेश के, हम किसान अगुआ प्रदेश के.
हैं महात्म्य अनगिन प्रदेश के, गर्व है हम उत्तर प्रदेश के.
पवन तिवारी
सम्वाद – ७७१८०८०९७८
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें