यह ब्लॉग अठन्नी वाले बाबूजी उपन्यास के लिए महाराष्ट्र हिन्दी अकादमी का बेहद कम उम्र में पुरस्कार पाने वाले युवा साहित्यकार,चिंतक,पत्रकार लेखक पवन तिवारी की पहली चर्चित पुस्तक "चवन्नी का मेला"के नाम से है.इसमें लिखे लेख,विचार,कहानी कविता, गीत ,गजल,नज्म व अन्य समस्त सामग्री लेखक की निजी सम्पत्ति है.लेखक की अनुमति के बिना इसका किसी भी प्रकार का उपयोग करना अपराध होगा...पवन तिवारी

शनिवार, 18 सितंबर 2021

शुभकामनाएं तुम्हें जन्म दिन की

शुभकामनाएं तुम्हें जन्म दिन की

दिल कह रहा है कहूँ आज मन की

सदा खुश रहो  प्रभु से है प्रार्थना ये

लगे ना कमी जग में तुम्हें अपनेपन की

 

सदा मान रखना अपने वतन की

शुभकामनाएं तुम्हें जन्म दिन की

 

भाइयों का स्नेह तुम्हें माँ का दुलार मिले

बाबू जी व दीदी का तुम्हें खूब प्यार मिले

ज़िन्दगी में एक रिश्ता खुद ही कमाना पड़ता

राम जी से विनती है तुम्हें सच्चा यार मिले

 

कीर्ति तुम्हारी हो जैसे गगन की

शुभकामनाएं तुम्हें जन्म दिन की

 

लोग तुमसे प्रेरणा पायें करें अनुसरण भी

अपने साथ औरों का कर सको भरण भी

प्रतिभा  तुम्हारी  तिरंगे  सी  लहरे

प्रशंसित तुम्हारा हो  आचरण भी

 

लाज रहे जग में तुम्हारे कथन की

शुभकामनाएं तुम्हें जन्म दिन की

 

पवन तिवारी

संवाद – ७७१८०८०९७८     

१५/०९/२०२०

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