जीवन का यदि युद्ध जीतना
तो जीवन को हिय से
सीखना
सावन मिले ना मिले लेकिन
श्रम के नीर से सदा
भीगना
अल्प समय की छाया
होगी
बड़ी धूप
की माया होगी
चलते रहना
सतत राह में
समय की निष्ठुर काया
होगी
क्रय के ये सम्मान न होंगे
हरदम ये वरदान न
होंगे
अपनी कला दिखानी
होगी
भाड़े के सामान न
होंगे
अपने भार उठाने होंगे
कदम से ताल मिलाने
होंगे
जीवन की
यात्रा लम्बी है
स्व साधन
उपजाने होंगे
साहस को संग लेकर
बढ़ना
अपनी बात सही से
कहना
कैसी विषम परिस्थिति
हो पर
सच का हाथ गहे
ही रहना
तुम्हें विजय मिलने
आएगी
पीठ तुम्हारी
थपकायेगी
सहज भाव रखना
मुस्काना
गीत तुम्हारे
ही गायेगी
पवन तिवारी
संवाद- ७७१८०८०९७८
अणु डाक – poetpawan50@gmail.com
२४/०८/२०२०
बेहद खूबसूरत रचना
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