यह ब्लॉग अठन्नी वाले बाबूजी उपन्यास के लिए महाराष्ट्र हिन्दी अकादमी का बेहद कम उम्र में पुरस्कार पाने वाले युवा साहित्यकार,चिंतक,पत्रकार लेखक पवन तिवारी की पहली चर्चित पुस्तक "चवन्नी का मेला"के नाम से है.इसमें लिखे लेख,विचार,कहानी कविता, गीत ,गजल,नज्म व अन्य समस्त सामग्री लेखक की निजी सम्पत्ति है.लेखक की अनुमति के बिना इसका किसी भी प्रकार का उपयोग करना अपराध होगा...पवन तिवारी

बुधवार, 13 मई 2020

गुण और महत्व




कई बार अच्छी बातें 
सुनने में अच्छी नहीं लगती
कई बार अच्छी कवितायेँ भी 
पढ़ने में अच्छी नहीं लगती
और अच्छे लोग अक्सर 
अच्छे नहीं लगते
सबसे लम्बी दूरी चलने वाली 
रेल भी देखने में अच्छी नहीं लगती
सच भी सुनने में कानों को
बहुत अच्छा स्वाद नहीं देता
नीम और करेला भी 
अच्छे नहीं लगते 
फिर भी उनका गुण और 
महत्व नहीं होता कम


पवन तिवारी
संवाद – ७७१८०८०९७८  

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