कई बार अच्छी बातें
सुनने में अच्छी नहीं लगती
कई बार अच्छी
कवितायेँ भी
पढ़ने में अच्छी नहीं लगती
और अच्छे लोग अक्सर
अच्छे नहीं लगते
सबसे लम्बी दूरी
चलने वाली
रेल भी देखने में अच्छी
नहीं लगती
सच भी सुनने में
कानों को
बहुत अच्छा स्वाद
नहीं देता
नीम और करेला भी
अच्छे नहीं लगते
फिर भी उनका गुण और
महत्व नहीं होता कम
पवन तिवारी
संवाद – ७७१८०८०९७८
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