जो तुम्हारे कपड़े धो
देती है
जो तुम्हें दे देती
है बना कर चाय
जो तुम्हें पकाकर भोजन परोस देती है.
वो जो कर देती है इस्तिरी तुम्हारे कपड़े
वो औरत जैसी कोई और
है
यह तो तुम स्वयं भी
या
कर सकती है कोई
नौकरानी
जो तुम्हारे दुखों
को सोख ले
जो तुम्हें दे
अनपेक्षित खुशियाँ
जो करे तुम्हें
विपरीत परिस्थितियों में प्रेरित
जिसके होने से तुम
तुम हो सको निर्भय
जिसके होने से मिले
तुम्हें सुकून
जिसके होने से तुम
देख सको
असम्भव को संभव करने
के सपने
जिसकी गोद में
तुम्हारी चिंताएं
हो जायें छूमंतर
जो तुममें खिलाये
प्रेम के पुष्प
जिसका प्रेम दे
खुशियों का शिखर
जो तुम्हें दे
स्थिरता
जो तुम्हें दिखाए
तुम्हारा लक्ष्य
जो तुममें जगाये
दायित्व का बोध
जो तुम्हें बनाये
फलदार वृक्ष
जो तुम्हें बनाए एक
सम्पूर्ण मनुष्य
और जिसके साथ होने
पर
कर सको स्वयं पर गर्व
वही औरत है
पवन तिवारी
संवाद –
७७१८०८०९७८
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