करिखा से कई द्या उजियारा
मईया अइली
तोहरे दुआरा
अइसन वइसन कइसन होई जायें
उसरो ज्ञान से हरियर होई जाये
अनपढ़ आन्हर
और गूंगन
काली सूर
कबीर होई जाये
किरपा होय तअ
मूरख पंडित
क्रोध मोंह मद
कई द्या खण्डित
मीठ – मीठ बीन बजावै
वाली मइया
अदनो भी
होई जाये मंडित
तोहरे असीस
से मन होये उज्जर
होय उछिन्न
बुरा सब चक्कर
सुरसती मइया
तुहैं गोहराई
खट्ट है
मनवा कइ द्या
शक्कर
पवन तिवारी
संवाद – ७७१८०८०९७८
अणु डाक – poetpawan50@gmail.com
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