यह ब्लॉग अठन्नी वाले बाबूजी उपन्यास के लिए महाराष्ट्र हिन्दी अकादमी का बेहद कम उम्र में पुरस्कार पाने वाले युवा साहित्यकार,चिंतक,पत्रकार लेखक पवन तिवारी की पहली चर्चित पुस्तक "चवन्नी का मेला"के नाम से है.इसमें लिखे लेख,विचार,कहानी कविता, गीत ,गजल,नज्म व अन्य समस्त सामग्री लेखक की निजी सम्पत्ति है.लेखक की अनुमति के बिना इसका किसी भी प्रकार का उपयोग करना अपराध होगा...पवन तिवारी

शनिवार, 25 अप्रैल 2020

महान व्यवस्था



जहाँ न्याय की बात होती है
जहाँ समानता की बात होती है
जहाँ बात-बात पर ईश्वर की
प्रतिज्ञा ली जाती जाती है
जहाँ अभिव्यक्ति की
स्वतंत्रता का गान
प्रतिक्षण गाया जाता है
जहाँ गरीब शब्द के लिए
मुखिया व्यक्त करता है दया
देता है भाषण और
करता है अनेक घोषणाएँ
जिन्हें गरीब न कभी सुन पाता है
और न कभी जान पाता है कि
एक व्यवस्था उसके बारे में
इतना सोचती और प्रयास करती है
वह कभी झोपड़ी, कभी फुटपाथ पर
किसी अनजान बीमारी या भूख से
मर जाता है, उसी एक व्यवस्था के कारण
उसका कोई समाचार भी नहीं बनता
और उस व्यवस्था को
सबसे महान और बड़ी व्यवस्था बताकर
जोड़ा जाता है दिन प्रति दिन
देश की महानता के साथ


पवन तिवारी
संवाद – ७७१८०८०९७८
अणु डाक – poetpawan50@gmail.com    

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