कोई उपकार नहीं
चाहिए
कोई पुरस्कार नहीं
चाहिए
मेरे पसीने भर का बस
उतना
मुझे उधार नहीं
चाहिए
लोगों को बहुत कुछ
लगता है लगने दो
कौन क्या कैसे समझता
है समझने दो
तुम अपनी धुन में
रहो बस इतना समझो
ये दुनिया एक दीपक
है इसे जलने दो
ये जलेंगे तो उजाले
देंगे
करोगे प्यार तो छाले
देंगे
फायदा अधिक जलने
वालों से
आगे बढ़ने दो यही
मशालें देंगे
पवन तिवारी
संवाद - ७७१८०८०९७८
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