ऐसे भी कुछ लोग हुआ करते थे
चिट्ठियों में प्यार
किया करते थे
जिस दुश्मन जंग में
घायल थे करते
बाद में उसको
दवा दिया करते थे
एक ज़माना ऐसा
भी था वर्षों तक
आँखों से बस प्यार हुआ
करते थे
अब तो कहने पर भी उठते लोग नहीं
बात-बात पर जबकि लोग
उठा करते थे
सच साहस का वो भी एक
जमाना था
दुश्मन के हक़
में भी दुआ करते थे
कैसे - कैसे लोग जमाना कैसा
था
दुश्मन को भी दाद दिया करते थे
आ जाती है हँसी
दोस्त से सुन करके
तब दुश्मन भी
वफ़ा किया करते थे
पवन तिवारी
संवाद – ७७१८०८०९७८
अणु डाक – poetpawan50@gmail.com
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