यह ब्लॉग अठन्नी वाले बाबूजी उपन्यास के लिए महाराष्ट्र हिन्दी अकादमी का बेहद कम उम्र में पुरस्कार पाने वाले युवा साहित्यकार,चिंतक,पत्रकार लेखक पवन तिवारी की पहली चर्चित पुस्तक "चवन्नी का मेला"के नाम से है.इसमें लिखे लेख,विचार,कहानी कविता, गीत ,गजल,नज्म व अन्य समस्त सामग्री लेखक की निजी सम्पत्ति है.लेखक की अनुमति के बिना इसका किसी भी प्रकार का उपयोग करना अपराध होगा...पवन तिवारी

शनिवार, 21 जुलाई 2018

प्यार की लहर आये बता दीजिए


















प्यार की लहर आये  बता दीजिए
थोड़ा - थोड़ा सही पर जता दीजिए
है ज़माना  नया हम नये लोग हैं 
नये  अंदाज़  में  ही  सता दीजिए

कुलबुलाता हो दिल तो बता दीजिए 
प्रेम  का कुछ  इशारा ज़रा  दीजिए
मुझसे ज्यादा प्रतीक्षा न होगी प्रिये 
जो भी हाँ ,ना है जल्दी बता दीजिए

प्यार की पींगे जल्दी बढ़ा दीजिए
सावन पे रंग अपना चढ़ा दीजिये
कम बहुत होते मौसम जवानी के जी 
सोचने में न इसको गँवा दीजिए

फैसला  लीजिये , फैसला  दीजिए
प्यार को प्यार का ही सिला दीजिए 
हो गयी जो जवानी भ्रमित प्यार पर 
प्यार का फिर ये रस्ता भुला दीजिए 


पवन तिवारी
सम्वाद - ७७१८०८०९७८
poetpawan50@gmail.com

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