हमने प्यार कर लिया
क्या गुनाह कर लिया
ऐतबार कर लिया क्या
गुनाह कर लिया
उम्र ही ऐसी है दिल बहक जो गया
उसने पूछा है प्यार,
तो इक़रार कर लिया
हमने इक दूसरे पे
ऐतबार कर लिया
इक़रार बार - बार कई बार कर लिया
इस क़दर चाहतों का नशा चढ़ गया
हमने ख़ुद को ही ख़ुद
बेक़ऱार कर लिया
हमनें वादा सनम कई हज़ार कर लिया
ख़ुद को इक दूसरे पर
निसार कर लिया
अब तो बस प्यारी ही
सारी दुनिया लगे
इसमें ही जीना मरना
स्वीकार कर लिया
पवन तिवारी
संवाद - ७७१८०८०९७८
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