दिल के कुछ सामान निकालूँ
बचे खुचे अरमान निकालूँ
घुटने अफ़नाने से अच्छा
सारे सच के जाम निकालूँ
किससे-किससे काम निकालूँ
किसके हिस्से
काम निकालूँ
ये सब मेरा नहीं है मेरा
मिलो तो हँस के शाम निकालूँ
आज प्यार का नाम निकालूँ
बारिश वाली शाम निकालूँ
चलो याद में आज गुज़ारूँ
बीते दिन तमाम निकालूँ
उनके कुछ पैगाम निकालूँ
चिठियों से ईमान निकालूँ
कितनी भोली सच्ची थी वो
उन पे इक दीवान निकालूँ
पवन तिवारी
सम्पर्क – ७७१८०८०९७८
poetpawan50@gmail.com
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें