मैं तेरी
दीवानी , तूं मेरी कहानी
अपनी प्रेम की धारा
में दरिया सी रवानी
अपनी नयी पहचान , रंगीनी नयी - नयी
प्यार दाख़िल ये जवानी नयी - नयी
बातें ख़त्म होती नहीं , दिन ढल जाता है
जिससे कोई लेना नहीं वो भी जल जाता है
बात-बात पर नोक-झोक
फिर मान-मनौव्वल है
नया - नया रोमांस
हुआ है , सब चल जाता है
जाने कितना आगे दुनिया बढ़ के चढ़ गयी है
हमरे देश में प्यार की पहिया नीचे रह गई है
इतने हुए आधुनिक फिर भी
छुप-छुप प्यार करें
कुछ भी कहो मज़ा है
इसमें दिल में धँस गयी है
गुप-चुप,छुप-छुप प्यार
करना एक अदा तो है
पर पकड़े जाने पर जाना बड़ी सज़ा तो है
प्यार ही कैसा
जिसमें कोई लफड़ा-वफ्ड़ा ना हो
छप्पन छूरी चले जिगर प्यार मजा तो है
पवन तिवारी
सम्पर्क – 7718080978
poetpawan50@gmail.com
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