मेरे दोस्त तुझको ये
क्या हो रहा है
कोई तुझसे क्या
बेवफा हो रहा है
चेहरे की तेरे क्यों
रंगत उड़ी है
कोई तेरा अपना दगा
दे रहा है
उदासी नहीं अच्छी
होती कभी भी
तूं नजरों से अपनी गिरा जा रहा है
हो बेफिकर तूं बढ़
जिन्दगी में
सफलता का तेरे समय
हो रहा है
ठोकर सिखाती असल
जिन्दगी है
अभी सच में तूँ आदमी
हो रहा है
जाने कितनी
ठोकर,खाये ‘पवन’
तभी जिन्दगी में सफल
हो रहा है
पवन तिवारी
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