यह ब्लॉग अठन्नी वाले बाबूजी उपन्यास के लिए महाराष्ट्र हिन्दी अकादमी का बेहद कम उम्र में पुरस्कार पाने वाले युवा साहित्यकार,चिंतक,पत्रकार लेखक पवन तिवारी की पहली चर्चित पुस्तक "चवन्नी का मेला"के नाम से है.इसमें लिखे लेख,विचार,कहानी कविता, गीत ,गजल,नज्म व अन्य समस्त सामग्री लेखक की निजी सम्पत्ति है.लेखक की अनुमति के बिना इसका किसी भी प्रकार का उपयोग करना अपराध होगा...पवन तिवारी

बुधवार, 28 जून 2017

आयेगा बेहिसाब मेरी जान आयेगा.





























येगा मेरी जान बेहिसाब आयेगा.
प्यार लेने जब  इम्तिहान  आएगा

गम न कर तुझसे मिलने ज़रूर आयेगा
दिल अदाओं से भर कर सलाम आयेगा

प्यार में उसको मज़बूर कर देंगे यूँ
देखना लेके दिल का इनाम आयेगा

उसमें है प्यार ही प्यार प्यार आयेगा
मुस्कराते  हुए  मिलने  यार आयेगा

उससे  उसकी  सफाई  नहीं  चाहिए
देखना फिर भी उसका जवाब आएगा

इससे पहले कि कुछ उससे मांगूंगा मैं
है  वो  खुद्दार  देने  हिसाब  आयेगा

‘पवन’ दीवानगी  पे जो  उतरेगा  तो
प्यार का फिर नया इन्कलाब आएगा

पवन तिवारी

सम्पर्क – 7718080978


poetpawan50@gmail.com

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