तुम्हारे दिल में आना चाहता हूँ
अपने दिल की चाबियाँ दे दो
प्यार तुमसे हो गया तो क्या करूँ
कुछ नहीं तो अपनी हांमियां दे दो
न दोगी तो भी गिला – शिकवा नहीं
चलो कोई नहीं बस अपनी खांमियाँ दे दो
रूठने में
सुकूँ गर है तुम्हें तो रूठ जाओ
मगर तुम रूठने वाली निशानियाँ दे दो
रहो तुम खुस बस इतना चाहता हूँ
बुरी जितनी हैं सब कहानियाँ दे दो
जो तुमको भाये उसकी हो जाओ
जितनी भी हैं तुम्हारी परेशानियाँ दे दो
poetpawan50@com
सम्पर्क - 7718080978
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें