यह ब्लॉग अठन्नी वाले बाबूजी उपन्यास के लिए महाराष्ट्र हिन्दी अकादमी का बेहद कम उम्र में पुरस्कार पाने वाले युवा साहित्यकार,चिंतक,पत्रकार लेखक पवन तिवारी की पहली चर्चित पुस्तक "चवन्नी का मेला"के नाम से है.इसमें लिखे लेख,विचार,कहानी कविता, गीत ,गजल,नज्म व अन्य समस्त सामग्री लेखक की निजी सम्पत्ति है.लेखक की अनुमति के बिना इसका किसी भी प्रकार का उपयोग करना अपराध होगा...पवन तिवारी
सोमवार, 10 अप्रैल 2017
हे जग जननी , हे जगधात्री.
हे जग जननी , हे जगधात्री.
12 वर्ष की उम्र से कविता , कहानी आदि का लेखन, विद्यालयीन प्रतियोगिताओं में भाषण गायन, अन्ताक्षरी, एकांकी आदि में प्रथम .
लेखक ,पत्रकार, वक्ता, शोध कर्ता, कई पत्र ,पत्रिकाओं का सम्पादन, फिल्म लेखन, कई पुस्तकों का सम्पादन, आकाशवाणी पर महापंडित राहुल सांकृत्यायन पर विशेष वक्तव्य, देश के सबसे बड़े भजन संकलन भजन गंगा का अतिथि सम्पादन, इंडियन प्रेस कौन्सिल की पहली स्मारिका का सम्पादन आदि
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें