गीत
प्यार जब होता है नींद खो जाती है
इक खुमारी सी खुद पे ही छा जाती है
इक खुमारी सी खुद पे ही छा जाती है
लब से कहने की कोई जरूरत नहीं
आखों-आँखों में भी बात हो जाती है
प्यार की तो जुबाँ एक होती नहीं
उसके दरवाज़े-खिड़की कई होते हैं
आखों से जुल्फों से और अदाओं से भी
काम की सारी बातें भी हो जाती हैं
प्यार में जितना कम लब को खोलें सनम
प्रेम की उतनी लम्बी उमर हो सनम
आँखों-आँखों इशारों में बाते चलें
ऐसा ही प्रेम होता सफल है सनम
लब जो ज्यादा खुले भेद खुल जायेगा
प्यार की राह में शोला बिछ जाएगा
पूरी करना कहानी कठिन होगा फिर
फिर ज़माना भी दुश्मन हो जाएगा
प्यार की जब भी कोई कहानी लिखो
हो न किसको खबर सावधानी रखो
प्यार की पूर्णाहुति जब हो जाए सनम
फिर जमाने में साया कहानी करो .
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