यह ब्लॉग अठन्नी वाले बाबूजी उपन्यास के लिए महाराष्ट्र हिन्दी अकादमी का बेहद कम उम्र में पुरस्कार पाने वाले युवा साहित्यकार,चिंतक,पत्रकार लेखक पवन तिवारी की पहली चर्चित पुस्तक "चवन्नी का मेला"के नाम से है.इसमें लिखे लेख,विचार,कहानी कविता, गीत ,गजल,नज्म व अन्य समस्त सामग्री लेखक की निजी सम्पत्ति है.लेखक की अनुमति के बिना इसका किसी भी प्रकार का उपयोग करना अपराध होगा...पवन तिवारी

गुरुवार, 2 फ़रवरी 2017

प्यार

        

 गीत



प्यार जब होता है नींद खो जाती है
इक खुमारी सी खुद पे ही छा जाती है 
लब से कहने की कोई जरूरत नहीं
आखों-आँखों में भी बात हो जाती है

प्यार की तो जुबाँ एक होती नहीं
उसके दरवाज़े-खिड़की कई होते हैं
आखों से जुल्फों से और अदाओं से भी
काम की सारी बातें भी हो जाती हैं

प्यार में जितना कम लब को खोलें सनम
प्रेम की उतनी लम्बी उमर हो सनम
आँखों-आँखों इशारों में बाते चलें
ऐसा ही प्रेम होता सफल है सनम

लब जो ज्यादा खुले भेद खुल जायेगा
प्यार की राह में शोला बिछ जाएगा
पूरी करना कहानी कठिन होगा फिर
फिर ज़माना भी दुश्मन हो जाएगा

 प्यार की जब भी कोई कहानी लिखो
हो न किसको खबर सावधानी रखो
प्यार की पूर्णाहुति जब हो जाए सनम
फिर जमाने में साया कहानी करो .

poetpawan50@gmail.com

सम्पर्क - 7718080978



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