यह ब्लॉग अठन्नी वाले बाबूजी उपन्यास के लिए महाराष्ट्र हिन्दी अकादमी का बेहद कम उम्र में पुरस्कार पाने वाले युवा साहित्यकार,चिंतक,पत्रकार लेखक पवन तिवारी की पहली चर्चित पुस्तक "चवन्नी का मेला"के नाम से है.इसमें लिखे लेख,विचार,कहानी कविता, गीत ,गजल,नज्म व अन्य समस्त सामग्री लेखक की निजी सम्पत्ति है.लेखक की अनुमति के बिना इसका किसी भी प्रकार का उपयोग करना अपराध होगा...पवन तिवारी

शुक्रवार, 20 जनवरी 2017

चाहत




















गीत 


तुमने चाहा मुझे ये बड़ी बात है
खूबियाँ मुझमें देखी बड़ी बात है
सबने मुझमें तो बस दोष ही देखा है
धन्य हो मुझमें जो खूबी ही देखा है


चाहने वाला होता सदा ही बड़ा
खामियाँ छाँटकर खूबियाँ देखता
ऐसी नज़रों के वंदन को जी चाहता
इसलिए प्रेम प्रभु का स्वरुप होता है



poetpawan50@gmail.com
सम्पर्क-7718080978

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