गीत
आज फूलों से मिलने का मन कर दिया
अब तो काँटों से लड़ने का मन कर दिया
आज दीपक से मिलने का मन कर दिया
अब अँधेरे से लड़ने का तय कर दिया
बदला है अब जो मन,बदलेगी ये फिजा
आगे बढ़ने का अब हौसला कर दिया
राह में चाहे जितनीं हो दुश्वारियां
मंजिल पाने का अब फैसला कर दिया
गीत
हम करेंगे तुम्हारी मदत ऐ सनम
पर करेंगे न कोई भी वादा सनम
साथ तेरा निभाएंगे जनमों-जनम
ख़ास हैं हम नहीं सीदा-सादा सनम
एक दूजे पे विश्वास है गर सनम
फिर क्या कस्में,क्या कम ज्यादा सनम
रिश्ता तब तक ही विश्वास जब तक सनम
झूठी दीवारें हैं सारी कसमें सनम
बाँधकर कोई रिश्ता निभा ना सनम
बाँधने से तो बस गाँठ पड़ती सनम
poetpawan50@gmail.com
सम्पर्क- 7718080978
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