यह ब्लॉग अठन्नी वाले बाबूजी उपन्यास के लिए महाराष्ट्र हिन्दी अकादमी का बेहद कम उम्र में पुरस्कार पाने वाले युवा साहित्यकार,चिंतक,पत्रकार लेखक पवन तिवारी की पहली चर्चित पुस्तक "चवन्नी का मेला"के नाम से है.इसमें लिखे लेख,विचार,कहानी कविता, गीत ,गजल,नज्म व अन्य समस्त सामग्री लेखक की निजी सम्पत्ति है.लेखक की अनुमति के बिना इसका किसी भी प्रकार का उपयोग करना अपराध होगा...पवन तिवारी

रविवार, 23 अक्तूबर 2016

जब प्यार हो गया है तो करना ही पड़ेगा.













जब प्यार हो गया है तो करना ही पड़ेगा.
छुप-छुप के जो मिलना है तो डरना ही पडेगा.

कितना छुपाओ छुपता नहीं प्यार का मंजर.
होता है खतरनाक बड़ा प्यार का खंजर.

ऐसे में जमानें से तुम्हे लड़ना पडेगा.
प्यार में फिर हद से गुजरना ही पडेगा.

मर जाओगे तो बोलो प्यार कौन करेगा.
फिर प्यार के अरमान पूरे कौन करेगा.

जो कहते हैं हम प्यार में जाँ दे देंगे.
उनसे जरा फिर पूछो प्यार कैसे करेंगे.

हम ज़िंदा रहेंगे तभी तो प्यार करेंगे.
हम प्यार के दुश्मन की जान ले लेंगे.
  
poetpawan50@gmail.com 

सम्पर्क -7718080978

  

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