वही
सच्चा वही अच्छा
तुम्हें
जो ठीक लगता है
वही
साथी है अच्छा जो
तुम्हारे
साथ भगता है
कि
तुमसे दूर रहकर भी
कहीं
एक प्रेम पगता है
प्रतीक्षा
में तुम्हारे एक
छत
पर चाँद जगता है
तुम्हारा
रूप तुमको क्या पता
कितनों
को ठगता है
तुम्हारा
देखने नखरा
कि दिल से प्यार उगता है
प्यार
सबको झुकाता है
अकड़
में कौन झुकता है
कभी
औरों को भी समझो
तुम्हारा
दिल भी दुखता है
पवन
तिवारी
०२/०८/२०२१
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