जब
जब मुझको दुत्कार मिली
जब
जब मैं ठगा गया
मैंने
कुछ शब्द लिखे
जब
भी मुझको गालियाँ मिली
जब
जब मुझको ठोकर मारा
मैंने
कुछ वाक्य लिखे
जब
आवारा की उपाधि मिली
जब
निकम्मा कह ताना मारा
मैंने
कुछ छंद लिखे
जब
प्रेम में त्रासदियाँ मिली
छल
से प्रतिदिन प्रति क्षण मारा
मैंने
कुछ गीत लिखे !
पवन
तिवारी
२/०४/२०२१
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