यह ब्लॉग अठन्नी वाले बाबूजी उपन्यास के लिए महाराष्ट्र हिन्दी अकादमी का बेहद कम उम्र में पुरस्कार पाने वाले युवा साहित्यकार,चिंतक,पत्रकार लेखक पवन तिवारी की पहली चर्चित पुस्तक "चवन्नी का मेला"के नाम से है.इसमें लिखे लेख,विचार,कहानी कविता, गीत ,गजल,नज्म व अन्य समस्त सामग्री लेखक की निजी सम्पत्ति है.लेखक की अनुमति के बिना इसका किसी भी प्रकार का उपयोग करना अपराध होगा...पवन तिवारी

शुक्रवार, 4 मार्च 2022

भेद

स्त्री और पुरुष दोनों ही

मुग्ध अथवा आकर्षित होते हैं

स्त्री पर,

विशेष कर पुरुष स्त्री के

मुख और स्तन पर

होता रहता है मुग्ध

यह सहज है क्योंकि

जब जन्मता है वह

उसका प्रथम परिचय

एक स्त्री के चहरे

और पोषण के लिए

स्तन से होता है

यह पवित्र सम्बन्ध

जब टूट जाता है वर्षों तक

फिर विकृत होकर

बनता है

एक आकर्षक, आकर्षण !

स्त्रियाँ भी सर्वाधिक अपने इन

दो पवित्र अंगों पर होती हैं

मोहित ! बस होती नहीं चर्चा

 

पवन तिवारी

०७/१०/२०२१

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