राहे
ज़िन्दगी में यहाँ बहुत लोग आते हैं
कुछ ही साथ
देते हैं
शेष चले जाते हैं
करने
वाला और कोई करना हम जताते हैं
वो
सदा ही चुप रहता और हम बताते है
एक
काम करता है कई
लोग खाते हैं
एक
गीत गाता है शेष
गुनगुनाता है
कहते
ख़ूब करते नहीं फ़क़त अपनी गाते हैं
चारो
और आज पवन बातें बातें बातें हैं
पवन
तिवारी
संवाद-
७७१८०८०९७८
०७/०३/२०२१
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