चिड़ियों
का चहचहाना  तेरा ये गुनगुनाना 
स्वर
की मिठास समझा प्रेम हुआ तो जाना 
बिन
मांगे पा जाना असली वही खजाना 
तुझसे
मिलकर ज्ञात हुआ क्या है खुमार छाना 
बिना
बुलाये आना तुझे देख कर गाना 
तू
आयी सब भूला क्या खोना क्या पाना 
करके
नया बहाना नदी किनारे जाना 
तेरा
नाम ही लेकर उसको गीत सुनाना 
लोग
हैं देते ताना फिर भी मैं ना माना 
प्रेमी
पागल होते लोग कहें क्यों जाना 
पवन
तिवारी 
संवाद
– ७७१८०८०९७८ 
०८/०३/२०२१
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