तुमने क्या है दिया
मैंने सोचा नहीं
है ये निश्चित
जियूँगा तुम्हारे लिए
मेरे खातिर किया या करोगे कभी
मैं करूँगा सभी कुछ
तुम्हारे लिए
तुम सदा मुस्कराते
गगन में रहो
और मैं गीत गाऊं तुम्हारे लिए
तुम हो खुश सब हैं
खुश जानता हूँ ये मैं
इसलिए सब मेरा है
तुम्हारे लिए
ऐ मेरे राष्ट्र
तुमसे बड़ा कुछ नहीं
ये लहू भाल सब कुछ
तुम्हारे लिए
तुम रहोगे, रहे हो,
सदा के लिए
चाहते ये ही सुनना
तुम्हारे लिए
मोल जीवन का है
राष्ट्र का पर नहीं
शीश झुक जाएँ
अरबों तुम्हारे लिए
हूँ मैं संतान
तुम्हरी यही है बहुत
गर्व होगा मरूं यदि तुम्हारे लिए
पवन तिवारी
संवाद- ७७१८०८०९७८
२६/०६/२०२१
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें