यह ब्लॉग अठन्नी वाले बाबूजी उपन्यास के लिए महाराष्ट्र हिन्दी अकादमी का बेहद कम उम्र में पुरस्कार पाने वाले युवा साहित्यकार,चिंतक,पत्रकार लेखक पवन तिवारी की पहली चर्चित पुस्तक "चवन्नी का मेला"के नाम से है.इसमें लिखे लेख,विचार,कहानी कविता, गीत ,गजल,नज्म व अन्य समस्त सामग्री लेखक की निजी सम्पत्ति है.लेखक की अनुमति के बिना इसका किसी भी प्रकार का उपयोग करना अपराध होगा...पवन तिवारी

शुक्रवार, 24 सितंबर 2021

होजा जिम्मेदार देखा घर-बार ये बाबू (अवधी लोक गीत )

होजा जिम्मेदार देखा घर-बार ये बाबू

तनी ठीक करा अपनो व्यवहार ये बाबू

 

अरे ठीक नाही यतनो दुलार ये बाबू

तनी ठीक करा अपनो व्यवहार ये बाबू

अरे तनकी में गारी अउर मारि ये बाबू

तनी ठीक करा अपनो व्यवहार ये बाबू  

 

तनी मीठ बोला करा तनी काम ये बाबू

मीठ बोलले में लगे ना दाम ये बाबू

दारू गुटखा करेला काम तमाम ये बाबू

होबा बदनाम झेलबा अपमान ये बाबू

 

ढेर घुमले से चली ना परिवार ये बाबू

घर में रोज-रोज करा ना तकरार ये बाबू

चाहे खेती या करा तू व्यापार ये बाबू

तबै बहरे घरे पइबा तू प्यार ये बाबू

 

अपने मेहनति से बनि जा सरकार ये बाबू

तनी ठीक करा अपनो व्यवहार ये बाबू

 

पवन तिवारी

संवाद – ७७१८०८०९७८

२१/०९/२०२०

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