प्रतिरोधों से बनता
जीवन
राम भी भटके देखो
वन-वन
मर्यादा पुरुषोत्तम हो गये
जग के दुःख का किया
हवन
पीड़ाओं के सघन अँधेरे
रोज बनाते रहते घेरे
संघर्षों के किन्तु
देवता
तोड़ ही देते
उनके फेरे
जो कुछ ध्येय लिए
चलते हैं
परहित खातिर जो लड़ते हैं
बिना किसी पैरोकारी के
वे इतिहास सदा रचते
हैं
दुःख जीवन का प्रेरक
साथी
वही जलाता जीवन
बाती
दुःख ही सच्ची सीख
है देता
दुःख की ढंग से जो
पढ़े पाती
संघर्षों से बढ़ा आदमी
सबे ऊँचे चढ़ा
आदमी
उसका ध्वज सारे जग
में है
अन्यायों से लड़ा आदमी
पवन तिवारी
संवाद- ७७१८०८०९७८
३०/०९/२०२०
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