एक दिन मैंने पवन से
पूछा-
अर्थात स्वयं से;
तुम्हारा सबसे बड़ा
गुण क्या है?
पवन ने कहा- मेरा
अंदर बाहर एक होना !
मैंने फिर पूछा- और
अवगुण?
पवन ने फिर कहा -
मेरा अंदर बाहर एक होना !
उसके बाद से प्रश्न
मौन है !
पवन तिवारी
संवाद- ७७१८०८०९७८
०६/०८/२०२०
यह ब्लॉग अठन्नी वाले बाबूजी उपन्यास के लिए महाराष्ट्र हिन्दी अकादमी का बेहद कम उम्र में पुरस्कार पाने वाले युवा साहित्यकार,चिंतक,पत्रकार लेखक पवन तिवारी की पहली चर्चित पुस्तक "चवन्नी का मेला"के नाम से है.इसमें लिखे लेख,विचार,कहानी कविता, गीत ,गजल,नज्म व अन्य समस्त सामग्री लेखक की निजी सम्पत्ति है.लेखक की अनुमति के बिना इसका किसी भी प्रकार का उपयोग करना अपराध होगा...पवन तिवारी
एक दिन मैंने पवन से
पूछा-
अर्थात स्वयं से;
तुम्हारा सबसे बड़ा
गुण क्या है?
पवन ने कहा- मेरा
अंदर बाहर एक होना !
मैंने फिर पूछा- और
अवगुण?
पवन ने फिर कहा -
मेरा अंदर बाहर एक होना !
उसके बाद से प्रश्न
मौन है !
पवन तिवारी
संवाद- ७७१८०८०९७८
०६/०८/२०२०
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