मेरा विश्वास करो !
मुझे सुनते क्यों
नहीं
मेरी बात ध्यान से
सुनो
मैं सच कह रहा हूँ
कहते हुये खीझ जाते
हो
कभी शांत हो खुद से
करना संवाद
क्या तुम दूसरों पर
करते हो भरोसा
कभी दूसरों को भी
सुनते हो चुपचाप ध्यान से
तब तुम्हें पता
चलेगा कि
तुम्हारे इन बातों
का उत्तर
तुम्हारे अंदर ही
है.
पवन तिवारी
संवाद – ७७१८०८०९७८
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