यह ब्लॉग अठन्नी वाले बाबूजी उपन्यास के लिए महाराष्ट्र हिन्दी अकादमी का बेहद कम उम्र में पुरस्कार पाने वाले युवा साहित्यकार,चिंतक,पत्रकार लेखक पवन तिवारी की पहली चर्चित पुस्तक "चवन्नी का मेला"के नाम से है.इसमें लिखे लेख,विचार,कहानी कविता, गीत ,गजल,नज्म व अन्य समस्त सामग्री लेखक की निजी सम्पत्ति है.लेखक की अनुमति के बिना इसका किसी भी प्रकार का उपयोग करना अपराध होगा...पवन तिवारी

गुरुवार, 7 मई 2020

प्रतिबद्धता


प्रतिबद्धता

आरम्भ में मिल सकती है प्रशंसा
या मिले समर्थन
समय के साथ मिल सकती हैं कठिनाइयाँ
और उत्तरोत्तर बढ़ सकती हैं.
विरोध भी होता है कभी-कभी
घर में भी विरोध सम्भव है.
अनचाहे अपमानों से होगी भेंट !
अकेले पड़ सकते हैं !
कई बार बेघर होने के खतरे
भी बनते रहते है.
आँख छलकने की संभावना का
आकलन गलत हो सकता है.
आप मर सकते हैं या
मारे भी जा सकते हैं.
बहुत कुछ या सब कुछ
लुट जाने के बाद भी
अपने अंदर एक प्रकार का
संतोष होता है.
उभर आता है गर्व का भाव
अपनी प्रतिबद्धता को
निभा ले जाने का. इसने रचा है
कई बार इतिहास या
रचवा देती है कुछ ऐसा
जो सदा आप के नाम से जाना जाता है.

पवन तिवारी
संवाद – ७७१८०८०९७८
अणु डाक – poetpawan50@gmail.com  

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