समय से पहले करो तो
खराब होता है
वक़्त आने पर सबका हिसाब होता है
पीपल की तरह उग ही
आते हैं सिरफिरे
ऐसे ही कहीं
थोड़े इन्कलाब होता है
फ़कत उजाले से
सूरज नहीं होता कोई
तमाम हुनर नेकनीयत
आफताब होता है
अमीर को दावत फ़क़त है
गरज चमचई
दिया भूखे को रोटी तो शबाब होता है
जरूरी नहीं सुन्दर
चेहरा सचमुच सुंदर हो
सलीकेदार सिलवट में भी नक़ाब होता है
पवन तिवारी
संवाद – ७७१८०८०९७८
अणु डाक – poetpawan50@gmail.com
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