यह ब्लॉग अठन्नी वाले बाबूजी उपन्यास के लिए महाराष्ट्र हिन्दी अकादमी का बेहद कम उम्र में पुरस्कार पाने वाले युवा साहित्यकार,चिंतक,पत्रकार लेखक पवन तिवारी की पहली चर्चित पुस्तक "चवन्नी का मेला"के नाम से है.इसमें लिखे लेख,विचार,कहानी कविता, गीत ,गजल,नज्म व अन्य समस्त सामग्री लेखक की निजी सम्पत्ति है.लेखक की अनुमति के बिना इसका किसी भी प्रकार का उपयोग करना अपराध होगा...पवन तिवारी

बुधवार, 5 जून 2019

समय से पहले करो तो खराब होता है


समय से  पहले  करो तो खराब होता है
वक़्त  आने पर  सबका  हिसाब होता है

पीपल की तरह उग ही आते हैं सिरफिरे
ऐसे  ही  कहीं  थोड़े  इन्कलाब होता है

फ़कत  उजाले  से सूरज नहीं होता कोई
तमाम हुनर नेकनीयत आफताब होता है

अमीर  को दावत फ़क़त है गरज चमचई
दिया  भूखे  को  रोटी तो शबाब होता है

जरूरी नहीं सुन्दर चेहरा सचमुच सुंदर हो
सलीकेदार  सिलवट में भी नक़ाब होता है

पवन तिवारी
संवाद – ७७१८०८०९७८
अणु डाक – poetpawan50@gmail.com

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