आयी स्थिति ऐसी अब,प्रश्न बने जब जश्न
लोग हैं उत्तर दे
रहे, प्रश्न का उत्तर प्रश्न
भूख प्यास से मर रहे, बच्चे रोज के रोज
पत्रकारों की ख़बर में, अभिनेता की खोज
लेकर शपथ भी भूलते, कर्तव्यों का बोध
ऐसों पर हो चाहिए,
अब निश्चित ही शोध
अपनों के ही काज में,
लोग करें अवरोध
अपनों के भी दोष पर,
होवे खुला विरोध
कामचोर का हो रहा,
सबसे ज्यादा नाम
नाम दाम उनका नहीं,
सच जो करते काम
राम नाम लेकर जाने, कितने ही गये तर
लेकिन राम के प्रश्न
का, मिलेऊ नहीं उत्तर
इस कलयुग में सम्भव
है, सबका ही कुछ दाम
परे कि जो सब दाम से, उनका नाम है राम
नाम प्रशंसा बिक रहे, आज किलो के भाव
अर्थ के आगे विवश
हैं, कहें पवन सब ताव
पवन तिवारी
संवाद – ७७१८०८०९७८
अणु डाक –
poetpawan50@gmail.com
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