यह नया वर्ष जो आया है
आशाएं लेकर आया है
लाया कितनी इच्छाएँ हैं
कितनी ही योजनाएं हैं
नवजीवन सा संचार नया
सब खुश हैं आया साल नया
गुजरे को सारे भूल गए
कभी नया था वो भी भूल गए
एक बिछड़ा तो एक नया
मिला
कुछ गिला मिला कुछ सिला
मिला
उसने अनुभव का थाल दिया
यह आशाओं का माल दिया
उसने भी दिया यह भी देगा
यदि देगा तो कुछ भी लेगा
अनुभव देकर वो उम्र लिया
बातों - बातों में साल
दिया
ये भी आया तो जाएगा
कुछ खोयेगा कुछ पाएगा
दोनों की अपनी किस्मत है
दोनों की अपनी अस्मत है
कौन मिटेगा कौन बनेगा
कौन गिरेगा कौन उठेगा
ये साल बता ना पाएगा
किस्मत के हिस्से जाएगा
कुछ सीखा था कुछ सीखेंगे
उम्मीद की बगिया सींचेंगे
जो लुटा पिटा खोया पाया
जैसा जो भी रोया गाया
उस वर्ष का भी था अभिनंदन
इस वर्ष का भी है अभिनंदन
जो भी आया उसे जाना है
वह बीत गया इसे जाना है
इक साल दिया इक साल लिया
जीवन को नया सवाल दिया
उस सवाल के उत्तर खातिर
आकर फिर इक साल
दिया
इस नए साल का स्वागत है
प्रति क्षण क्षण यह भी भागत
है
जो सिखा गए उनका कृतज्ञ
जो आएंगे अभिनंदन है
सबसे कुछ - कुछ सीखा
पाया
उन सबका शत - शत वंदन है
पवन तिवारी
संवाद – ७७१८०८०९७८
अणु डाक- poetpawan50@gmail.com
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