पद व पैसे ने उनको गुबारा किया
मंच पर इसलिए वारा–न्यारा
किया
ज्ञान के शहद में जो थे डूबे हुए
उनका आयोजकों ने कबाड़ा किया
मंच से अर्थ
वाले अनर्गल कहें
हो विषय और कुछ,और कुछ वो
कहें
शारदा पुत्र नीचे विवश हो सुने
ऐसे आयोजकों को कहें क्या कहें
हर जगह मंच पर अर्थ आसीन है
शारदा
पुत्र नीचे पड़ा
हीन है
ज्ञान की बातें,बातों तक
सिमटी हुई
मंच पर अर्थ
वाले समीचीन हैं
हर किसी को चमक चाहिए मंच पर
हों के बदनाम, पर नाम हो
मंच पर
योग्य लोगों को श्रोता बना कर बिठा
अर्थ वाला है
अध्यक्ष बन मंच पर
पवन तिवारी
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