तुमको चाहा सदा, तुम्ही से
प्यार किया
तुम्हारे नाम पर बेटी का मैंने नाम दिया
ज़िंदगी में मैंने जब भी कोई काम किया
काम से पहले मैंने तुम्हारा नाम लिया
न चाहा भूलना, न भूला, न
भूलूँगा
किया मैं प्रेम सच्चा, न दिल्लगी
का काम किया
तुम्हारे नाम का इक पेड़ लगाया मैंने
समझ के ज़ुल्फ़ उसकी छाँव में है शाम किया
जो बिछड़ी तुम तो आयी शायरी,कविता
तुम्हारे कारण ही इसने है इतना नाम दिया
बड़ा शायर,कवि कुछ
लोग समझते हैं मुझे
उन्हें है क्या पता, मेरा था
दर्द जो, बयान किया
जो समझें शायरी,कविता.नज़्म
मुबारक हो
ये शब्द क्या हैं सब कुछ तुम्हारे नाम किया
एक ही ख्वाहिश इस ज़िंदगी में प्यार करूँ
वही बस कर रहा हूँ बाकी सब तमाम किया
पवन तिवारी
सम्पर्क –
७७१८०८०९७८
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