चाहूँ मैं और कुछ भी
इरादा नहीं
संग तूँ बस रहे इससे
ज्यादा नहीं
मुझपे विश्वास हो
इससे ज्यादा नहीं
चाहूँ तुझसे मैं कोई
भी वादा नहीं
जैसा भी है मेरा तूँ
मुझे प्यारा है
ओढ़ना तूँ कोई भी
लबादा नहीं
प्यार तो है इबादत
फिर हो झोपड़ी
यूँ जरूरी महल सा कुशादा नहीं
दो अधूरे मिले फिर
कहाँ गम रहा
प्यार पूरा हमारा है
आधा नहीं
कोई हमको बिछोड़े दफन
कर दे यूँ
प्यार अपना भी यूँ
सीदा - सादा नहीं
प्रेम अपना हिमालय
सा उद्दात है
फूंक दे कोई हमको बुरादा नहीं
पवन तिवारी
सम्पर्क – 7718080978
poetpawan50@gmail.com
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें