यह ब्लॉग अठन्नी वाले बाबूजी उपन्यास के लिए महाराष्ट्र हिन्दी अकादमी का बेहद कम उम्र में पुरस्कार पाने वाले युवा साहित्यकार,चिंतक,पत्रकार लेखक पवन तिवारी की पहली चर्चित पुस्तक "चवन्नी का मेला"के नाम से है.इसमें लिखे लेख,विचार,कहानी कविता, गीत ,गजल,नज्म व अन्य समस्त सामग्री लेखक की निजी सम्पत्ति है.लेखक की अनुमति के बिना इसका किसी भी प्रकार का उपयोग करना अपराध होगा...पवन तिवारी

सोमवार, 25 दिसंबर 2017

अधूरी बात, अधूरा प्यार बहुत तड़पाते हैं


अधूरी  बात , अधूरा  प्यार  बहुत   तड़पाते  हैं

जिन्हें मनाओ जितना ही उतना तरसाते हैं

उनके प्रेम में पागल हैं आभास उन्हें हो जाय
ऐसे  में  वे  हर  मौके  पर  बड़ा  सताते हैं

खुद से ज्यादा और किसी से प्यार नहीं करना
किया तो ऐसे लोग प्यार  में  बहुत  रुलाते हैं

जो तुम्हें चाहे ,प्यार करे उसे नहीं सताना तुम
रूठ भी जाओ अगर कभी तुम बहुत  मनाते हैं

सच्चा प्रेम समर्पण है बिन माँगे सब मिलता
सच्चे प्रेमी  बात - बात  हक़ नहीं जताते हैं

प्यार किसी बलिदान, त्याग से कम नहीं होता
प्यार  में  कुर्बानी  वाले  इतिहास  बनाते  हैं

प्यार में कुर्बानी के किस्से कम ही आते हैं
आते हैं तो  लैला – मजनूँ , हीर बनाते  हैं


पवन तिवारी
सम्पर्क – 7718080978

poetpawan50@gmail.com    

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