हे कल्याणक जगत पालक
, दीनबंधु दयानिधी .
राष्ट्र के प्रति हों
समर्पित, ज्ञान की दो वो विधी.
सत्य का संधान हो,
सद आचरण का भान हो
करुणा रहे साथी सदा,
उपकार का भी मान हो
तिमिर को हम भेद कर,आलोक
के पथ पर बढ़ें
राष्ट्र गौरव से भरे ,
प्रतिमान कुछ ऐसे गढ़ें
निंदा , ईर्ष्या से बचें और
प्रेम का संगम
रचें
अवगुणों से दूर हों
और ह्रदय में सद्गुण बसें
निष्कलंकित हो ये
जीवन, मर के भी हम ना मरें
कर्म ऐसे करके जाएँ , जयति जय जय जन करें
पवन तिवारी
सम्पर्क – 7718080978
poetpawan50@gmail.com
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