मैं जानता हूँ झूठ
की चादर वो ताने है
सच झूठ को छेड़े ये
इरादा मगर नहीं
यूँ जान बूझकर जिसने
पिया जहर है
उसको बचाने की फिर
कोई डगर नहीं
तुम लाख करो कोशिश
वो डूब जाएगा
खुद डूब से बचने
इरादा अगर नहीं
ताक़त बहुत भी होके
हार जाते हैं लोग
चूहे से भी डर जायेंगे
जिनमें जिगर नहीं
पवन तिवारी
सम्पर्क – 7718080978
poetpawan50@gmail.com
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